कटिहार के मनिहारी में 18 सितंबर को सगे भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों के शव साहिबगंज में गंगा नदी से बरामद किए गए हैं।
आशंका जताई जा रही है कि हत्या के बाद दोनों शवों को गंगा में फेंक दिया गया जो बहकर साहिबगंज आ गया। एक शव गुरुवार को नयाटोला गंगा घाट पर और दूसरा शुक्रवार को रामपुर टोपरा में मिला था।
मृतकों के परिजन साहिबगंज पहुंच गए हैं। नया टोला से मिले शव का पोस्टमार्टम गुरुवार को किया गया है, जबकि शुक्रवार को मिले शव का पोस्टमार्टम शनिवार को किया जाएगा। गुरुवार को नया टोला गंगा घाट से एक लावारिस शव बरामद किया गया। नगर थाना पुलिस ने उसे बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उसे पहचान के लिए सदर अस्पताल में ही सुरक्षित रखा गया था।
शुक्रवार को रामपुर टोपरा में एक और शव मिलने के बाद मुफस्सिल थाना प्रभारी सौरभ कुमार ने मनिहारी थाने की पुलिस से संपर्क किया तो पता चला कि 18 सितंबर को पूर्व सैनिक महेश प्रसाद व सुनील यादव निवासी गुमशुदगी का मामला सामने आया है। मनिहारी थाना क्षेत्र के आजमपुर गोला। मनिहारी थाने में मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद शव मिलने की सूचना महेश प्रसाद और सुनील यादव के परिजनों को दी गई। महेश प्रसाद के छोटे बेटे सुमन सत्या शुक्रवार रात सदर अस्पताल पहुंचे और शव की शिनाख्त अपने चाचा सुनील यादव के रूप में की. उन्होंने बताया कि रामपुर टोपरा से मिली लाश उनके पिता महेश प्रसाद की बताई जा रही है।
पुलिस को दी थी सूचना सुमन सत्या ने बताया कि घटना वाले दिन उसके पिता महेश प्रसाद अपने दो भाइयों के साथ कलाई की फसल बोने काशीचक दियारा गए थे। वहां चार-पांच लोगों ने उसके पिता महेश प्रसाद और चाचा सुनील यादव की गोली मारकर हत्या कर दी। एक चाचा वहां से भाग गया और घर आया और गांव वालों को मामले की जानकारी दी।
बाद में जब ग्रामीण दियारा गए तो वहां कोई नहीं मिला। तब से उसके पिता और चाचा का पता लगाया जा रहा था। सुमन सत्या ने बताया कि वह अगरतला में रेलवे में कार्यरत हैं। 18 सितंबर को घटना की जानकारी मिलने के बाद गांव पहुंचने के बाद से ही वे पिता और चाचा की तलाश कर रहे थे। बताया कि जमीन विवाद में पूर्व में भी कुछ लोगों ने जान से मारने की धमकी दी थी। इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की जिससे घटना हुई।
सुमन सत्या के बड़े भाई पवन यादव कटिहार में ही बिजली विभाग में कार्यरत हैं। सुमन ने बताया कि उनके पिता के पांच भाई थे। सबसे बड़े उमेश प्रसाद का पिछले दिनों निधन हो गया है। तीसरे नंबर पर उनके पिता महेश प्रसाद जबकि पांचवें नंबर पर सुनील यादव थे।