क्या मंकीपॉक्स से डरेगा कोरोना की तरह? जानवरों से इंसानों में फैल सकती है यह बीमारी, स्वास्थ्य विभाग ने इस शहर में जारी किया अलर्ट

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आगरा में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट घोषित कर दिया गया है।  जिला अस्पताल के एसएनएमसी और त्वचा एवं त्वचा रोग विभाग को विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है।  विदेश से आने वालों पर भी स्वास्थ्य विभाग की नजर है।  संदिग्ध मरीजों की तत्काल जांच की जाएगी।  विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार यह एक वायरल जूनोटिक रोग है।  मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में होता है।  कभी-कभी यह रोग अन्य क्षेत्रों में भी फैलता है।
मंकीपॉक्स के मरीजों में बुखार, दाने और सूजी हुई लिम्फ नोड्स जैसे लक्षण ज्यादातर पाए जाते हैं।  इसके लक्षण दो से चार सप्ताह तक दिखाई देते हैं।  कुछ रोगियों को गंभीर बीमारी भी हो सकती है।  इसमें मृत्यु दर एक से 10 प्रतिशत तक हो सकती है।  सबसे बड़ी बात यह है कि यह बीमारी जानवरों से इंसानों में फैल सकती है।
जानवरों के काटने या खरोंच, जंगली जानवरों के मांस, शारीरिक तरल पदार्थ, घाव सामग्री के सीधे संपर्क, दूषित बिस्तर आदि के माध्यम से फैल सकता है। टूटी हुई त्वचा, श्वसन पथ, आंखों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में रोग फैलाने का भी जोखिम है।  या नाक।  संक्रमित व्यक्ति के कपड़ों से भी यह बीमारी दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है।
चेचक के समान लक्षण
मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के समान ही होते हैंजिसे 1980 में विश्व स्तर पर उन्मूलन घोषित कर दिया गया है। हालांकि मंकीपॉक्स चेचक की तुलना में कम संक्रामक है।  इससे होने वाली समस्याएं भी चेचक से कम घातक नहीं होती हैं।
यह बीमारी 21 दिनों तक रह सकती है
इस बीमारी की ऊष्मायन अवधि आम तौर पर 7 से 14 दिनों की होती है।  लेकिन यह पांच से 21 दिन का भी हो सकता है।  एक संक्रमित व्यक्ति रैश के दिखने से लेकर सभी रैशेज के क्रस्ट के गिरने तक संक्रमण का शिकार हो सकता है।
इन देशों में लोगों की निगरानी
20 मई तक यूके, यूएस, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से मंकीपॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं।  ये लोग अफ्रीकी देशों की यात्राओं से आए थे।  इसलिए आगरा में भी इन देशों से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग और स्कैनिंग के निर्देश दिए गए हैं.
ये लोग बने रहेंगे संदेह
किसके रैशेज निकल रहे हैं लेकिन इसके कारण का पता नहीं है
21 दिनों में उस देश की यात्रा की है जहां संक्रमण के मामले पाए जाते हैं
वे सभी जो मंकीपॉक्स संक्रमण के पुष्ट रोगी के संपर्क में आए
दाने खत्म होने और नई त्वचा आने तक इलाज किया जाएगा
ऐसे सभी मरीजों की जानकारी आईडीएसपी के नोडल अधिकारी को देंगे
कोविड की तरह इनके इलाज में भी सभी बचाव के तरीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।
संदिग्धों के द्रव, रक्त, बलगम के नमूने जांच के लिए पुणे भेजे जाएंगे। 21 दिनों में कन्फर्म मरीजों के संपर्क में आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाएगी
प्रभारी त्वचा एवं त्वचा रोग विभाग एसएनएमसी डॉ. यतेंद्र चाहर ने कहा, हमने अब चौकसी बढ़ा दी है.  स्वास्थ्य विभाग ने भी एडवाइजरी जारी की है।  इसके मुताबिक संदिग्ध लोगों की तत्काल जांच और सैंपलिंग की जाएगी।  डॉक्टरों और तकनीशियनों को अलर्ट कर दिया गया है।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि सभी अस्पतालों के अलावा सीएचसी और पीएचसी को भी अलर्ट पर रखा गया है.  होटलों और स्मारकों में विदेशियों के आने की सूचना देने को कहा गया है।  लोगों से बाहर से आने वालों की जानकारी देने की भी अपील की जा रही है.

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