Happy Muharram 2022: Wishes, Images, Quotes, Messages and WhatsApp Greetings to Share, Messages, Whatsapp Status

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मुहर्रम क्यों मनाया जाता है आखिर क्या हुआ था कर्बला के जंग में उस रात इमामे हुसैन के साथ ? इस दिन क्यों मनाते है मातम इस्लामिक धर्म ?
मुहर्रम (Muharram) इस्‍लामी महीना है और इससे इस्‍लाम धर्म के नए साल की शुरुआत होती है वर्ष 2022 में मुहर्रम 9 अगस्त को मनाया जाएगा। ईराक में कर्बला की लड़ाई में इमाम हुसैन को 680 ईस्वी में खलीफा यजीद की सेना ने मार दिया था। उनकी मृत्यु के तुरंत बाद इस्लाम दो प्रमुख वर्गों में विभाजित हो गया – सुन्नियों और शियाओं।
इमाम हुसैन और उनके फॉलोअर्स की शहादत की याद में दुनियाभर में शिया मुस्लिम मुहर्रम मनाते हैं। इमाम हुसैन, पैगंबर मोहम्मद के नाती थे, जो कर्बला की जंग में शहीद माने हुए थे। मुहर्रम क्यों मनाया जाता है, इसके लिए हमें तारीख के उस हिस्से में जाना होगा, जब इस्लाम में खिलाफत यानी खलीफा का राज था। ये खलीफा पूरी दुनिया के मुसलमानों का प्रमुख नेता होता था। पैगंबर साहब की वफात के बाद चार खलीफा चुने गए थे। लोग आपस में तय करके इसका चुनाव करते थे।
जब आया घोर अत्याचार का दौरइसके लगभग 50 साल बाद इस्लामी दुनिया में घोर अत्याचार का दौर आया, मक्का से दूर सीरिया के गर्वनर यजीद ने खुद को खलीफा घोषित कर दिया, उसके काम करने का तरीका बादशाहों जैसा था, जो उस समय इस्लाम के बिल्कुल खिलाफ था, तब इमाम हुसैन ने यजीद को खलीफा मानने से इनकार कर दिया। इससे नाराज यजीद ने अपने राज्यपाल वलीद पुत्र अतुवा को फरमान लिखा, ‘तुम हुसैन को बुलाकर मेरे आदेश का पालन करने को कहो, अगर वो नहीं माने तो उसका सिर काटकर मेरे पास भेजा जाए।’
इस अवधि के दौरान मुसलमान उन दिनों के दौरान उपवास करते हैं और मुहर्रम के दसवें दिन को आशूरा के दिन के रूप में जाना जाता है जो शोक सत्र है। लेकिन 10वें मुहर्रम को हजरत इमाम हुसैन की याद में मुस्लिम मातम मनाते हैं। मान्‍यता है कि 10वें मोहर्रम के दिन ही इस्‍लाम की रक्षा के लिए हजरत इमाम हुसैन ने अपने प्राण त्‍याग दिए थे।
इस्लाम धर्म की मान्यता के मुताबिक, हजरत इमाम हुसैन अपने 72 साथियों के साथ मुहर्रम माह के 10वें दिन कर्बला के मैदान में शहीद हो गए थे। उनकी शहादत और कुर्बानी के तौर पर इस दिन को याद किया जाता है। कहा जाता है कि इराक में यजीद नाम का जालिम बादशाह था, जो इंसानियत का दुश्मन था। यजीद को अल्लाह पर विश्वास नहीं था। यजीद चाहता था कि हजरत इमाम हुसैन भी उनके खेमे में शामिल हो जाएं। हालांकि इमाम साहब को यह मंजूर न था। उन्होंने बादशाह यजीद के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया। इस जंग में वह अपने बेटे, घरवाले और दूसरे साथियों के साथ शहीद हो गए।
तब सिर्फ हुसैन अकेले रह गए थे, लेकिन तभी अचानक खेमे में शोर सुना, उनका छह महीने का बेटा अली असगर प्यास से बेहाल था। हुसैन उसे हाथों में उठाकर मैदान-ए-कर्बला में ले आए। उन्होंने यजीद की फौज से बेटे को पानी पिलाने के लिए कहा, लेकिन फौज नहीं मानी और बेटे ने हुसैन की हाथों में तड़प कर दम तोड़ दिया। इसके बाद भूखे-प्यासे हजरत इमाम हुसैन का भी कत्ल कर दिया। हुसैन ने इस्लाम और मानवता के लिए अपनी जान कुर्बान की थी। इस इसे आशुर यानी मातम का दिन कहा जाता है, इराक की राजधानी बगदाद के दक्षिण पश्चिम के कर्बला में इमाम हुसैन और इमाम अब्बास के तीर्थ स्थल हैं।
इस बार भारत में मुहर्रम की शुरुआत 31 जुलाई को हुई है, इसलिए आशूरा 9 अगस्त को है। भारत के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी आशूरा 9 अगस्त 2022 को मनाया जा रहा है। वहीं सऊदी अरब, ओमान, कतर, इराक, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात समेत अन्य अरब देशों में मुहर्रम 30 जुलाई से शुरू हुआ है, इसलिए मातम का दिन 8 अगस्त को मनाया जा रहा है।
मुहर्रम (Muharram) मातम मनाने और धर्म की रक्षा करने वाले हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करने का दिन है। मुहर्रम के महीने में मुसलमान शोक मनाते हैं और अपनी हर खुशी का त्‍याग कर देते हैं।
Muharram 2022: Wishes & Messages.
1. अल्लाह एक है लेकिन उसकी मौजूदगी हर जगह है। बस इसे महसूस करें! आपको मुहर्रम की बहुत बहुत शुभकामनाएं!
2. मुहर्रम के दिन, अल्लाह आपको स्वास्थ्य, धन, शांति और खुशी प्रदान करे!
3. ऊपर का प्रभु आपको सही रास्ता दिखाने और जीवन में सही चुनाव करने में आपकी मदद करने के लिए हमेशा आपके साथ रहे!
4. मैं इस विशेष दिन पर आपके और आपके परिवार की खुशी और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं। आप सभी का आने वाला वर्ष अद्भुत हो।
5. अल्लाह आपको प्यार, बहादुरी, ज्ञान, संतोष, स्वास्थ्य, धैर्य और स्वच्छता के उपहारों की बौछार करे।
6. मुहर्रम के इस पावन अवसर पर मैं आपके और आपके परिवार के सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करता हूं।
7. मुहर्रम के इस पवित्र महीने में अल्लाह आपको ताकत और अच्छी सेहत दे।
8. हम अल्लाह के रसूल पर ईमान लाएँ और उस उजाले का अनुसरण करें जो उसके साथ उतारा गया है। मुहर्रम मुबारक!
9. दूसरे लोगों की बातों से कभी प्रभावित न हों। खुद पर और अल्लाह पर भरोसा रखो। मुहर्रम मुबारक!
10. मुहर्रम वह त्योहार है जो हम सभी को हमेशा शांति और खुशी को गले लगाने और भाईचारे और एकजुटता का संदेश फैलाने की याद दिलाता है। मुहर्रम मुबारक!
11. सभी प्रशंसा और धन्यवाद अल्लाह के लिए हो सकता है। जिसके लिए वह सब कुछ है जो स्वर्ग में और पृथ्वी में है। मुहर्रम मुबारक हो!
12. अल्लाह तुम्हें सज़ा नहीं दे रहा है। वह आपके लिए तैयारी कर रहा है। उसकी योजनाओं पर भरोसा करें, अपने दर्द पर नहीं। मुहर्रम मुबारक!
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